মন্ত্রের উৎপত্তি ?
মন্ত্র হল সংস্কৃত শব্দ। ‘মন্ত্র’ [মন্ত্র (মন+ ত্র) =মন+ত্রান] এটি দুটি শব্দের যোগ। এর অর্থ হল যা মনকে মানসিক পরিবর্তন থেকে মুক্ত করে / মুক্ত করে দেয় অর্থাৎ যা মনকে মুক্তি দেয় তাই হল মন্ত্র। ‘মন্ত্র’ এর উৎপত্তি এবং ব্যবহার বৈদিককাল থেকে। কিন্তু মন্ত্র এবং প্রার্থনা একই জিনিস নয়।
मंत्र की उत्पत्ति?
मंत्र संस्कृत शब्द है। मंत्र ’[मंत्र (मन + त्र) = मन + त्रान] यह दो शब्दों का जोड़ है। इसका अर्थ यह है कि जो मन को मानसिक परिवर्तनों से मुक्त / मुक्त करता है, अर्थात मंत्र वह है जो मन को मुक्त करता है। मंत्र ’की उत्पत्ति और उपयोग वैदिक काल से होता रहा है। लेकिन मंत्र और प्रार्थना एक ही चीज नहीं हैं।
মন্ত্র কিভাবে কাজ করে ?
মন্ত্রগুলি শব্দ আকারে কম্পন শক্তি সৃষ্টি করে যা আমাদের পার্থিব দেহে এবং সূক্ষ্ম দেহে শক্তিশালী প্রভাব বিস্তার করে। মন্ত্র জপ আমাদের পার্থিব দেহ এবং আধ্যাত্মিক চেতনা উভয়কেই প্রভাবিত করে; এটি যে প্রাণশক্তি সঞ্চার করে , তা আমাদের দেহ , মন এবং আত্মাকে প্রভাবিত করে।
मंत्र कैसे काम करता है?
मंत्र ध्वनि के रूप में कंपन ऊर्जा पैदा करते हैं जो हमारे सांसारिक शरीर और सूक्ष्म शरीर पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालती है। मंत्र जप हमारे सांसारिक शरीर और आध्यात्मिक चेतना दोनों को प्रभावित करता है; यह हमारे जीवन, मन और आत्मामे संयोग स्थापित करता है।
যে কোনও মন্ত্রের দ্বারা কি শক্তির রূপান্তর ঘটানো সম্ভব ?
Ashley Farrand উথাপন করেছেন:- “যে কোনও শব্দ পুনরাবৃত্তি করলে শক্তিশালী শারীরিক কম্পন তৈরি করে।"
সংস্কৃত মন্ত্রে এই তথ্য সত্য বলে প্রমাণিত হয়। যখন উচ্চস্বরে বা নিঃশব্দে মন্ত্রের জপ্ করা যায়, মন্ত্রগুলি একটি একক এবং শক্তিশালী কম্পন তৈরি করে ... সময়ের সাথে সাথে, মন্ত্র প্রক্রিয়া আশেপাশের সমস্ত ছোট কম্পনকে ঢেকে দেয় এবং শোষণ করতে শুরু করে, যা শেষ পর্যন্ত সমস্ত শব্দ কম্পন মন্ত্রের কম্পনের মধ্যেই নিমগ্ন হয়ে যায়।
क्या किसी मंत्र से ऊर्जा को बदलना संभव है?
Ashley Farrand ने कहा: - "किसी भी ध्वनि को दोहराने से एक मजबूत शारीरिक कंपन पैदा होता है।" यह जानकारी संस्कृत मंत्रों में सही साबित होती है। जब मंत्र को जोर से या मौन रहे कर जाप किया जा सकता है, तो मंत्र एक शक्तिशाली कंपन पैदा करते हैं ... समय के साथ, मंत्र प्रक्रिया में आसपास के सभी छोटे कंपन शामिल होते हैं और फिर सभी शब्द मंत्र के कंपन के साथ कंपन करते लगते हैं, जो अंततः मंत्र में समा जाते हैं।
মন্ত্র কি বিশ্বাসে কাজ করে অবিশ্বাসে নয় ?
একটি বৈজ্ঞানিক গবেষণাতে প্রমাণিত হয়েছে প্রতিদিন নির্দিষ্ট সময় কোন নির্দিষ্ট মন্ত্র শুনলে মানসিক অস্থিরতা দূর হয়। মানব ও জীব প্রত্যেকের নিউরোলজিকাল কোষ বিন্যাসের সমন্বয় উন্নতি হতে দেখা গেছে এবং গাছের ক্ষেত্রে এই একই পদ্ধতি প্রয়োগে অভাবনীয় বৃদ্ধি লক্ষ্য করা গেছে।
मंत्र विश्वास में काम करता है, अविश्वास में नहीं?
एक वैज्ञानिक अध्ययन ने साबित किया है कि निश्चित समय पर हर दिन एक विशिष्ट मंत्र सुनने से मानसिक अशांति समाप्त हो जाती है। मनुष्यों और जीवों दोनों के लिए न्यूरोलॉजिकल सेल संरचना के समन्वय में सुधार दिखाया गया है, और पौधों के लिए एक ही विधि के प्रयोग से महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।
মন্ত্র হল সংস্কৃত শব্দ। ‘মন্ত্র’ [মন্ত্র (মন+ ত্র) =মন+ত্রান] এটি দুটি শব্দের যোগ। এর অর্থ হল যা মনকে মানসিক পরিবর্তন থেকে মুক্ত করে / মুক্ত করে দেয় অর্থাৎ যা মনকে মুক্তি দেয় তাই হল মন্ত্র। ‘মন্ত্র’ এর উৎপত্তি এবং ব্যবহার বৈদিককাল থেকে। কিন্তু মন্ত্র এবং প্রার্থনা একই জিনিস নয়।
मंत्र की उत्पत्ति?
मंत्र संस्कृत शब्द है। मंत्र ’[मंत्र (मन + त्र) = मन + त्रान] यह दो शब्दों का जोड़ है। इसका अर्थ यह है कि जो मन को मानसिक परिवर्तनों से मुक्त / मुक्त करता है, अर्थात मंत्र वह है जो मन को मुक्त करता है। मंत्र ’की उत्पत्ति और उपयोग वैदिक काल से होता रहा है। लेकिन मंत्र और प्रार्थना एक ही चीज नहीं हैं।
মন্ত্র কিভাবে কাজ করে ?
মন্ত্রগুলি শব্দ আকারে কম্পন শক্তি সৃষ্টি করে যা আমাদের পার্থিব দেহে এবং সূক্ষ্ম দেহে শক্তিশালী প্রভাব বিস্তার করে। মন্ত্র জপ আমাদের পার্থিব দেহ এবং আধ্যাত্মিক চেতনা উভয়কেই প্রভাবিত করে; এটি যে প্রাণশক্তি সঞ্চার করে , তা আমাদের দেহ , মন এবং আত্মাকে প্রভাবিত করে।
मंत्र कैसे काम करता है?
मंत्र ध्वनि के रूप में कंपन ऊर्जा पैदा करते हैं जो हमारे सांसारिक शरीर और सूक्ष्म शरीर पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालती है। मंत्र जप हमारे सांसारिक शरीर और आध्यात्मिक चेतना दोनों को प्रभावित करता है; यह हमारे जीवन, मन और आत्मामे संयोग स्थापित करता है।
যে কোনও মন্ত্রের দ্বারা কি শক্তির রূপান্তর ঘটানো সম্ভব ?
Ashley Farrand উথাপন করেছেন:- “যে কোনও শব্দ পুনরাবৃত্তি করলে শক্তিশালী শারীরিক কম্পন তৈরি করে।"
সংস্কৃত মন্ত্রে এই তথ্য সত্য বলে প্রমাণিত হয়। যখন উচ্চস্বরে বা নিঃশব্দে মন্ত্রের জপ্ করা যায়, মন্ত্রগুলি একটি একক এবং শক্তিশালী কম্পন তৈরি করে ... সময়ের সাথে সাথে, মন্ত্র প্রক্রিয়া আশেপাশের সমস্ত ছোট কম্পনকে ঢেকে দেয় এবং শোষণ করতে শুরু করে, যা শেষ পর্যন্ত সমস্ত শব্দ কম্পন মন্ত্রের কম্পনের মধ্যেই নিমগ্ন হয়ে যায়।
क्या किसी मंत्र से ऊर्जा को बदलना संभव है?
Ashley Farrand ने कहा: - "किसी भी ध्वनि को दोहराने से एक मजबूत शारीरिक कंपन पैदा होता है।" यह जानकारी संस्कृत मंत्रों में सही साबित होती है। जब मंत्र को जोर से या मौन रहे कर जाप किया जा सकता है, तो मंत्र एक शक्तिशाली कंपन पैदा करते हैं ... समय के साथ, मंत्र प्रक्रिया में आसपास के सभी छोटे कंपन शामिल होते हैं और फिर सभी शब्द मंत्र के कंपन के साथ कंपन करते लगते हैं, जो अंततः मंत्र में समा जाते हैं।
মন্ত্র কি বিশ্বাসে কাজ করে অবিশ্বাসে নয় ?
একটি বৈজ্ঞানিক গবেষণাতে প্রমাণিত হয়েছে প্রতিদিন নির্দিষ্ট সময় কোন নির্দিষ্ট মন্ত্র শুনলে মানসিক অস্থিরতা দূর হয়। মানব ও জীব প্রত্যেকের নিউরোলজিকাল কোষ বিন্যাসের সমন্বয় উন্নতি হতে দেখা গেছে এবং গাছের ক্ষেত্রে এই একই পদ্ধতি প্রয়োগে অভাবনীয় বৃদ্ধি লক্ষ্য করা গেছে।
मंत्र विश्वास में काम करता है, अविश्वास में नहीं?
एक वैज्ञानिक अध्ययन ने साबित किया है कि निश्चित समय पर हर दिन एक विशिष्ट मंत्र सुनने से मानसिक अशांति समाप्त हो जाती है। मनुष्यों और जीवों दोनों के लिए न्यूरोलॉजिकल सेल संरचना के समन्वय में सुधार दिखाया गया है, और पौधों के लिए एक ही विधि के प्रयोग से महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।
****অর্থাৎ মন্ত্রের যথার্থ ফল পাওয়ার জন্য মন্ত্রে বিশ্বাস বা এর মানে বোঝার প্রয়োজনীয়তা নেই।*** अर्थात, मंत्र के सही परिणाम प्राप्त करने के लिए मंत्र के अर्थ पर विश्वास करने या समझने की आवश्यकता नहीं है।
No comments:
Post a Comment