বাড়িতে তুলসী মঞ্চ বা তুলসী গাছ কেন রাখবেন?



হিন্দু বাড়িতে তুলসী মঞ্চ রাখার নিয়ম পুরাকাল থেকেই। তুলসী মঞ্চ রাখার যেমন কিছু আধ্যাত্মিক কারন আছে ঠিক সেই রকমই কিছু বৈজ্ঞানিক কারন আছে।
আলোচনা করব তিনটি মতে 1) আধ্যাত্মিক 2)বাস্তু 3)বৈজ্ঞানিক
{কারনগুলি নিয়ে আলোচনা করার উদ্দেশ্য এই যে আজ অনেক বাড়িতে তুলসী মঞ্চ রাখা হয় না বা রাখার মতো পরিস্থিতি থাকে না।
 না রাখার জন্য যে  মানসিকতা ই কারন হোক না কেন? রাখারটা কেন উচিত এখানে সেটাই আলোচ্য। }
तुलसी मंदिर घर में क्यों रखें?
हिंदू घर में तुलसी मंच रखने का नियम पौराणिक काल से है। तुलसी मंच रखने का कुछ आध्यात्मिक कारण हैं, और कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। तुलसी मंच रखने के लिए हम तीन कारण पर चर्चा करेंगे: १) आध्यात्मिक २) वास्तू ३) वैज्ञानिक {कारणों पर चर्चा करने का उद्देश्य यह है कि आज किसी किसी घरों में तुलसी मंच नहीं रखा जाता है। इसे न रखने कि कुछ भी कारण हो सकता है? आपको यह जानना भी आवश्यक है कि इसे क्यों रखा जाए। }
আধ্যাত্মিক মত :-
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# "তুলসী " কথার অর্থ ' যার তুলনা নেই ' ।
# তুলসীকে 'শ্রী তুলসী ' বলা হয় 'শ্রী' কথার অর্থ লক্ষী , ধন, মান , যশ ইত্যাদি বোঝায়। তুলসী গাছকে "স্কন্দপুরাণ অনুসারে 'লক্ষীস্বরূপা' বলা হয়েছে।
# "চর্কসংহিতায়" তুলসীকে 'বিষ্ণুপ্রিয়া' বলা হয়েছে।
# "ব্রম্ভকৈবর্ত পুরানে" তুলসী কে 'সীতাস্বরূপা' বলা হয়েছে। ----- এর দ্বারা বোঝা ' তুলসীর ' আধ্যাত্মিক মাহাত্ম্য।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से :-
# "तुलसी" का अर्थ है 'जिसकी कोई तुलना नहीं है'।
# तुलसी को 'श्री तुलसी' कहा जाता है, 'श्री' का अर्थ है लक्शी, धन, आदर, प्रसिद्धि, आदि।
"स्कंद पुराण" के अनुसार तुलसी के पेड़ को "लक्ष्मीवरुप" कहा गया है।
# तुलसी को "चरक संहिता" में 'विष्णुप्रिया' कहा गया है।
# तुलसी को " ब्रह्मा कैव्रतपुराण" में "सीता स्वरुप" कहा गया है।यह 'तुलसी' के आध्यात्मिक महत्व को इंगित करता है। ।
বাস্তু মত :-
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# উত্তরদিক বা উত্তরপূর্ব দিক বা পূর্ব দিকে তুলসী মঞ্চ স্থাপন করলে বাস্তুতে ঋণাত্মক শক্তি প্রবেশে বাঁধা পায়।
# এই স্থানে তুলসী মঞ্চ থাকলে অর্থনৈতিক অস্থিরতা এবং বাস্তুদোষ দূর করে। এর ফলে 'শ্রীবৃদ্ধি ' ঘটে।
वास्तूके दृष्टिकोण से :-
# तुलसी के मंच को उत्तर-पूर्व या उत्तर या पूर्व में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर सकता है।
# यदि इस स्थान पर तुलसी मंच रखते है तो आर्थिक परिस्थिति मे सुधार होता है और वास्तुदोष दूर करने है। इससे समृद्धि आती है।
বৈজ্ঞানিক মত :-
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# তুলসী গাছ 'বায়ু বিশোধক' কারন এই গাছ প্রচুর অক্সিজেন উৎপন্ন করে ।
# তুলসীতে প্রচুর পরিমাণে অ্যান্টিঅক্সিডেন্ট রয়েছে।
# তুলসী খুব শক্তিশালী অ্যান্টিবায়োটিক ।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से :-
# तुलसी का पेड़ 'वायु शोधक' है क्योंकि यह पौधा बहुत अधिक ऑक्सीजन पैदा करता है।
# तुलसी में बहुत सारा एंटीऑक्सीडेंट होता है।
# तुलसी एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीबायोटिक है।
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***এই কারনগুলি হয়ত যথেষ্ট তুলসী গাছ বাড়িতে রাখার জন্য। কিন্তু " তুলসী মঞ্চ " কেন রাখবেন? # তুলসী গাছের জন্য মঞ্খার উদ্দেশ্যে হল শ্রদ্ধা এবং ভক্তি ।
ॐ # তুলসী গাছ প্রচুর পরিমাণে অক্সিজেন উৎপন্ন করে এর ফলে তুলসী মঞ্চের কাছে একমনে দাঁড়ালে একাগ্রতাশক্তি বৃদ্ধি পায় মানসিক অস্থিরতা দূর করে।
ॐ # তুলসী মঞ্চে দীপক জ্বালালে তিনশক্তির ধ্যান করা হয় * পৃথ্বী * বায়ু * অগ্নি
পৃথ্বী = মাতৃশক্তি
বায়ু = প্রাণশক্তি
অগ্নি বা সূর্য = জীবনীশক্তি
*** ये कारण घर पर तुलसी का पेड़ रखने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं लेकिन "तुलसी मंच क्यों रखें?
ॐ # तुलसी के पेड़ के लिए मंच स्थापित करना सम्मान और भक्ति है।
ॐ # तुलसी बहुत सारी ऑक्सीजन उत्पन्न करती है, जिससे तुलसी मंच के पास खड़े होने से एकाग्रता बढ़ती है, मानसिक अस्थिरता दूर होती है।
ॐ #तुलसी मंच पर दीप जलाने से तीन ऊर्जाओं का ध्यान किया जाता है *पृथ्वी * वायु * अग्नि
पृथ्वी = मातृ शक्ति
वायु = प्राण शक्ति
आग या सूर्य = जीवन शक्ति


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