Meditation


Meditation ?????
"Meditation" is a very popular word in present time. When this word is heard, everyone's thoughts come - 'A person picture who sitting straight with closed eyes' in which many people feel annoyed and many people feel peaceful. ***** We will discuss today with scientific explanations, for those who are feel bothered.
         
ধ্যান ?????
  "ধ্যান" বর্তমান সময়ের খুবই জনপ্রিয় একটি শব্দ। শব্দটি শুনলেই সকলের চোখের সামনে ভেসে উঠে - ' চোখ বন্ধ করে সোজা হয়ে বসে থাকা ছবি ' যেটাতে অনেকের মনে যেমন বিরক্তি ভাব আসে আবার অনেকের মনে শান্তি ভাব আসে।
***** আজ আলোচনা করব বৈজ্ঞানিক ব্যাখ্যাসহ, যাদের বিরক্তি ভাব আসে তাদের উদ্দেশ্যে।
ध्यान ?????
"ध्यान" वर्तमान समय का एक बहुत लोकप्रिय शब्द है। जब यह शब्द सुना जाता है, तो सभी के विचार आते हैं -
'एक व्यक्ति की तस्वीर जो बंद आंखों के साथ सीधे बैठे है' जिसमें कई लोग परेशान महसूस करते हैं और कई लोग शांति महसूस करते हैं। ***** हम आज उन लोगों के लिए वैज्ञानिक स्पष्टीकरण के साथ चर्चा करेंगे, जो परेशान हैं।

What is 'Meditation'?
Meditation is a 'Mental situation or process.' Meditation is a process by which one helps to stabilize the restless mind.
'ধ্যান' কি?
ধ্যান একটি মানসিক পরিস্থিতি বা প্রক্রিয়া।
ধ্যান এমন একটি প্রক্রিয়া যার দ্বারা অস্থির মানসিকতাকে স্থির করতে সাহায্য করে।
'ध्यान' क्या है?
ध्यान एक 'मानसिक स्थिति या प्रक्रिया है।' ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्तिके बेचैन मन को स्थिर करने में मदद करता है।
         Scientific explanation of 'Meditation':- 
      Under normal circumstances, the frontal lobe of the human brain controls current activities, socialization, emotions, and physical activity.
        The partial lobe of the brain controls sensory activity and body moisture, warmth and weight.
      This part of the brain's thalamus has multiple actions that typically relay or transmit information between different subcortical regions and the cerebral cortex, acting as a relay station or hub.
 'ধ্যান' সম্পর্কে বৈজ্ঞানিক ব্যাখ্যা :-
    সাধারণ পরিস্থিতিতে মানুষের মস্তিষ্কের অগ্র ভাগ (forntal lobe) বর্তমান ক্রিয়াকলাপ, সামাজিকতা, আবেগ, শারীরিক ক্রিয়াকলাপ নিয়ন্ত্রণ করে।
   মস্তিষ্কের মধ্য ভাগ (partial lobe) ইন্দ্রিয়ের ক্রিয়াকলাপ, শারীরিক আদ্রতা,উষ্ণতা ও ওজন নিয়ন্ত্রণ করে ।
     মস্তিষ্কের থ্যালামাস (thalamus) এই অংশের একাধিক ক্রিয়া রয়েছে যা সাধারণত রিলে স্টেশন বা হাব হিসাবে কাজ করে বিভিন্ন উপকোর্টিকাল অঞ্চল এবং সেরিব্রাল কর্টেক্সের মধ্যে তথ্য রিলে করে বা পৌছে দেয়।
'ध्यान’की वैज्ञानिक व्याख्या: -
    सामान्य परिस्थितियों में, मानव मस्तिष्क का ललाट लोब वर्तमान गतिविधियों, सामाजिककरण, भावनाओं और शारीरिक गतिविधि को नियंत्रित करता है।
    मस्तिष्क का पेरिएटल लोब संवेदी गतिविधि और शरीर की नमी, गर्मी और वजन को नियंत्रित करता है।
    मस्तिष्क के थैलेमस के इस हिस्से में कई क्रियाएं होती हैं जो आम तौर पर विभिन्न उप क्षेत्रों और सेरेब्रल कॉर्टेक्स के बीच सूचना को रिले या संचारित करती हैं, जो रिले स्टेशन या हब के रूप में कार्य करती हैं।

        বৈজ্ঞানিক পরীক্ষায় দেখা গেছে ধ্যান করলে মানুষের মস্তিষ্কের অগ্র ভাগ এবং মধ্য ভাগ ধীর গতিতে কাজ করে এরফলে থ্যালামাস (thalamus) অংশ আরও সংবেদনশীল হয়ে ওঠে এবং সমস্ত আগত উদ্দীপনা আরও গভীরে পৌঁছাতে সাহায্য করে এতে মানুষকে আরও সজাগ এবং দৃষ্টি নিবদ্ধ করে। অর্থাৎ মানুষের একাগ্রতা শক্তি বৃদ্ধি করে।

          मानव मस्तिष्क के सामने और मध्य भाग के वैज्ञानिक प्रयोगों के अनुसार ध्यान ’करते समय धीमी गति से काम करने हैं , मस्तिष्क के थैलेमस भाग को अधिक संवेदनशील बनाते हैं और आने वाली उत्तेजना को और अधिक गहराई तक पहुंचाने में मदद करते हैं। इससे इंसान में एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।

    How can 'meditation' be done?
         Whatever you do, if you can concentrate with your full concentration, that can be your meditation. Just as the Scientist concentrates on the laboratory during his discovery. Or when the Composer creates his melody. Once the Yogi for his Istdev (God). These are all types of 'meditation'.
******So it is possible to get the benefits of meditation even when not sitting in a particular place and not taking any particular process .
ধ্যান কিভাবে করা যেতে পারে?
আপনি যে কর্মই করুন না কেন তা আপনার সম্পূর্ণ একাগ্রতাশক্তি দিয়ে মনোনিবেশ করে করতে পারলে সেটাই হতে পারে আপনার ধ্যান। ঠিক যেমন ভাবে বিজ্ঞানী পরীক্ষাগারে মনোনিবেশ করে তার আবিষ্কারের সময়। অথবা সুরকার তার সুর সৃষ্টির সময়। আবার যোগী তার ইষ্টকে প্রাপ্তির সময় । এই সমস্তই হল ধ্যানের প্রকার ।
******অর্থাৎ কোন নির্দিষ্ট স্থানে না বসে এবং কোন বিশেষ প্রক্রিয়া অবলম্বন না করেও ধ্যানের উপকারিতা পাওয়া সম্ভব।
   ध्यान कैसे किया जा सकता है? 

       आप जो भी करते हैं, वह आपका ध्यान हो सकता है यदि आप अपनी पूरी एकाग्रता के साथ उस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। जिस तरह वैज्ञानिक अपनी खोज के दौरान प्रयोगशाला पर ध्यान केंद्रित करते हैं। या जब संगीतकार अपनी धुन बनाता है। एक बार योगी अपने इष्ट को प्राप्त करता है। ये सभी प्रकार के ध्यान हैं।
*****अर्थात्, किसी विशेष स्थान पर बैठे बिना और कोई विशेष प्रक्रिया किए बिना ध्यान का लाभ प्राप्त करना संभव है।



Mantra, মন্ত্র , मन्त्र ?????

মন্ত্রের উৎপত্তি ?
মন্ত্র হল সংস্কৃত শব্দ। ‘মন্ত্র’ [মন্ত্র (মন+ ত্র) =মন+ত্রান] এটি দুটি শব্দের যোগ। এর অর্থ হল যা মনকে মানসিক পরিবর্তন থেকে মুক্ত করে / মুক্ত করে দেয় অর্থাৎ যা মনকে মুক্তি দেয় তাই হল মন্ত্র। ‘মন্ত্র’ এর উৎপত্তি এবং ব্যবহার বৈদিককাল থেকে। কিন্তু মন্ত্র এবং প্রার্থনা একই জিনিস নয়।
मंत्र की उत्पत्ति?
मंत्र संस्कृत शब्द है। मंत्र ’[मंत्र (मन + त्र) = मन + त्रान] यह दो शब्दों का जोड़ है। इसका अर्थ यह है कि जो मन को मानसिक परिवर्तनों से मुक्त / मुक्त करता है, अर्थात मंत्र वह है जो मन को मुक्त करता है। मंत्र ’की उत्पत्ति और उपयोग वैदिक काल से होता रहा है। लेकिन मंत्र और प्रार्थना एक ही चीज नहीं हैं। 
মন্ত্র কিভাবে কাজ করে ?
মন্ত্রগুলি শব্দ আকারে কম্পন শক্তি সৃষ্টি করে যা আমাদের পার্থিব দেহে এবং সূক্ষ্ম দেহে শক্তিশালী প্রভাব বিস্তার করে। মন্ত্র জপ আমাদের পার্থিব দেহ এবং আধ্যাত্মিক চেতনা উভয়কেই প্রভাবিত করে; এটি যে প্রাণশক্তি সঞ্চার করে , তা আমাদের দেহ , মন এবং আত্মাকে প্রভাবিত করে।
मंत्र कैसे काम करता है?
मंत्र ध्वनि के रूप में कंपन ऊर्जा पैदा करते हैं जो हमारे सांसारिक शरीर और सूक्ष्म शरीर पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालती है। मंत्र जप हमारे सांसारिक शरीर और आध्यात्मिक चेतना दोनों को प्रभावित करता है; यह हमारे जीवन, मन और आत्मामे संयोग स्थापित करता है।
 যে কোনও মন্ত্রের দ্বারা কি শক্তির রূপান্তর ঘটানো সম্ভব ?
Ashley Farrand উথাপন করেছেন:- “যে কোনও শব্দ পুনরাবৃত্তি করলে শক্তিশালী শারীরিক কম্পন তৈরি করে।"
সংস্কৃত মন্ত্রে এই তথ্য সত্য বলে প্রমাণিত হয়। যখন উচ্চস্বরে বা নিঃশব্দে মন্ত্রের জপ্ করা যায়, মন্ত্রগুলি একটি একক এবং শক্তিশালী কম্পন তৈরি করে ... সময়ের সাথে সাথে, মন্ত্র প্রক্রিয়া আশেপাশের সমস্ত ছোট কম্পনকে ঢেকে দেয় এবং শোষণ করতে শুরু করে, যা শেষ পর্যন্ত সমস্ত শব্দ কম্পন মন্ত্রের কম্পনের মধ্যেই নিমগ্ন হয়ে যায়।
क्या किसी मंत्र से ऊर्जा को बदलना संभव है?
Ashley Farrand ने कहा: - "किसी भी ध्वनि को दोहराने से एक मजबूत शारीरिक कंपन पैदा होता है।" यह जानकारी संस्कृत मंत्रों में सही साबित होती है। जब मंत्र को जोर से या मौन रहे कर जाप किया जा सकता है, तो मंत्र एक शक्तिशाली कंपन पैदा करते हैं ... समय के साथ, मंत्र प्रक्रिया में आसपास के सभी छोटे कंपन शामिल होते हैं और फिर सभी शब्द मंत्र के कंपन के साथ कंपन करते लगते हैं, जो अंततः मंत्र में समा जाते हैं।

মন্ত্র কি বিশ্বাসে কাজ করে অবিশ্বাসে নয় ?
একটি বৈজ্ঞানিক গবেষণাতে প্রমাণিত হয়েছে প্রতিদিন নির্দিষ্ট সময় কোন নির্দিষ্ট মন্ত্র শুনলে মানসিক অস্থিরতা দূর হয়। মানব ও জীব প্রত্যেকের নিউরোলজিকাল কোষ বিন্যাসের সমন্বয় উন্নতি হতে দেখা গেছে এবং গাছের ক্ষেত্রে এই একই পদ্ধতি প্রয়োগে অভাবনীয় বৃদ্ধি লক্ষ্য করা গেছে।  
मंत्र विश्वास में काम करता है, अविश्वास में नहीं? 
एक वैज्ञानिक अध्ययन ने साबित किया है कि निश्चित समय पर हर दिन एक विशिष्ट मंत्र सुनने से मानसिक अशांति समाप्त हो जाती है। मनुष्यों और जीवों दोनों के लिए न्यूरोलॉजिकल सेल संरचना के समन्वय में सुधार दिखाया गया है, और पौधों के लिए एक ही विधि के प्रयोग से महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है।

****অর্থাৎ মন্ত্রের যথার্থ ফল পাওয়ার জন্য মন্ত্রে বিশ্বাস বা এর মানে বোঝার প্রয়োজনীয়তা নেই। 
 *** अर्थात, मंत्र के सही परिणाम प्राप्त करने के लिए मंत्र के अर्थ पर विश्वास करने या समझने की आवश्यकता नहीं है।

বাড়িতে তুলসী মঞ্চ বা তুলসী গাছ কেন রাখবেন?



হিন্দু বাড়িতে তুলসী মঞ্চ রাখার নিয়ম পুরাকাল থেকেই। তুলসী মঞ্চ রাখার যেমন কিছু আধ্যাত্মিক কারন আছে ঠিক সেই রকমই কিছু বৈজ্ঞানিক কারন আছে।
আলোচনা করব তিনটি মতে 1) আধ্যাত্মিক 2)বাস্তু 3)বৈজ্ঞানিক
{কারনগুলি নিয়ে আলোচনা করার উদ্দেশ্য এই যে আজ অনেক বাড়িতে তুলসী মঞ্চ রাখা হয় না বা রাখার মতো পরিস্থিতি থাকে না।
 না রাখার জন্য যে  মানসিকতা ই কারন হোক না কেন? রাখারটা কেন উচিত এখানে সেটাই আলোচ্য। }
तुलसी मंदिर घर में क्यों रखें?
हिंदू घर में तुलसी मंच रखने का नियम पौराणिक काल से है। तुलसी मंच रखने का कुछ आध्यात्मिक कारण हैं, और कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। तुलसी मंच रखने के लिए हम तीन कारण पर चर्चा करेंगे: १) आध्यात्मिक २) वास्तू ३) वैज्ञानिक {कारणों पर चर्चा करने का उद्देश्य यह है कि आज किसी किसी घरों में तुलसी मंच नहीं रखा जाता है। इसे न रखने कि कुछ भी कारण हो सकता है? आपको यह जानना भी आवश्यक है कि इसे क्यों रखा जाए। }
আধ্যাত্মিক মত :-
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# "তুলসী " কথার অর্থ ' যার তুলনা নেই ' ।
# তুলসীকে 'শ্রী তুলসী ' বলা হয় 'শ্রী' কথার অর্থ লক্ষী , ধন, মান , যশ ইত্যাদি বোঝায়। তুলসী গাছকে "স্কন্দপুরাণ অনুসারে 'লক্ষীস্বরূপা' বলা হয়েছে।
# "চর্কসংহিতায়" তুলসীকে 'বিষ্ণুপ্রিয়া' বলা হয়েছে।
# "ব্রম্ভকৈবর্ত পুরানে" তুলসী কে 'সীতাস্বরূপা' বলা হয়েছে। ----- এর দ্বারা বোঝা ' তুলসীর ' আধ্যাত্মিক মাহাত্ম্য।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से :-
# "तुलसी" का अर्थ है 'जिसकी कोई तुलना नहीं है'।
# तुलसी को 'श्री तुलसी' कहा जाता है, 'श्री' का अर्थ है लक्शी, धन, आदर, प्रसिद्धि, आदि।
"स्कंद पुराण" के अनुसार तुलसी के पेड़ को "लक्ष्मीवरुप" कहा गया है।
# तुलसी को "चरक संहिता" में 'विष्णुप्रिया' कहा गया है।
# तुलसी को " ब्रह्मा कैव्रतपुराण" में "सीता स्वरुप" कहा गया है।यह 'तुलसी' के आध्यात्मिक महत्व को इंगित करता है। ।
বাস্তু মত :-
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# উত্তরদিক বা উত্তরপূর্ব দিক বা পূর্ব দিকে তুলসী মঞ্চ স্থাপন করলে বাস্তুতে ঋণাত্মক শক্তি প্রবেশে বাঁধা পায়।
# এই স্থানে তুলসী মঞ্চ থাকলে অর্থনৈতিক অস্থিরতা এবং বাস্তুদোষ দূর করে। এর ফলে 'শ্রীবৃদ্ধি ' ঘটে।
वास्तूके दृष्टिकोण से :-
# तुलसी के मंच को उत्तर-पूर्व या उत्तर या पूर्व में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर सकता है।
# यदि इस स्थान पर तुलसी मंच रखते है तो आर्थिक परिस्थिति मे सुधार होता है और वास्तुदोष दूर करने है। इससे समृद्धि आती है।
বৈজ্ঞানিক মত :-
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# তুলসী গাছ 'বায়ু বিশোধক' কারন এই গাছ প্রচুর অক্সিজেন উৎপন্ন করে ।
# তুলসীতে প্রচুর পরিমাণে অ্যান্টিঅক্সিডেন্ট রয়েছে।
# তুলসী খুব শক্তিশালী অ্যান্টিবায়োটিক ।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से :-
# तुलसी का पेड़ 'वायु शोधक' है क्योंकि यह पौधा बहुत अधिक ऑक्सीजन पैदा करता है।
# तुलसी में बहुत सारा एंटीऑक्सीडेंट होता है।
# तुलसी एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीबायोटिक है।
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***এই কারনগুলি হয়ত যথেষ্ট তুলসী গাছ বাড়িতে রাখার জন্য। কিন্তু " তুলসী মঞ্চ " কেন রাখবেন? # তুলসী গাছের জন্য মঞ্খার উদ্দেশ্যে হল শ্রদ্ধা এবং ভক্তি ।
ॐ # তুলসী গাছ প্রচুর পরিমাণে অক্সিজেন উৎপন্ন করে এর ফলে তুলসী মঞ্চের কাছে একমনে দাঁড়ালে একাগ্রতাশক্তি বৃদ্ধি পায় মানসিক অস্থিরতা দূর করে।
ॐ # তুলসী মঞ্চে দীপক জ্বালালে তিনশক্তির ধ্যান করা হয় * পৃথ্বী * বায়ু * অগ্নি
পৃথ্বী = মাতৃশক্তি
বায়ু = প্রাণশক্তি
অগ্নি বা সূর্য = জীবনীশক্তি
*** ये कारण घर पर तुलसी का पेड़ रखने के लिए पर्याप्त हो सकते हैं लेकिन "तुलसी मंच क्यों रखें?
ॐ # तुलसी के पेड़ के लिए मंच स्थापित करना सम्मान और भक्ति है।
ॐ # तुलसी बहुत सारी ऑक्सीजन उत्पन्न करती है, जिससे तुलसी मंच के पास खड़े होने से एकाग्रता बढ़ती है, मानसिक अस्थिरता दूर होती है।
ॐ #तुलसी मंच पर दीप जलाने से तीन ऊर्जाओं का ध्यान किया जाता है *पृथ्वी * वायु * अग्नि
पृथ्वी = मातृ शक्ति
वायु = प्राण शक्ति
आग या सूर्य = जीवन शक्ति


Spiritual healing?

Spiritual Healing          What is Spiritual healing?                  Spiritual healing is relief from physical ailments, pains,...